आज टीवी देखते देखते अचानक संतोष आनंद जी को सुनने का मौका मिला...
पता है कई लोग इस नाम से परिचित नही होंगे..आनंद जी वही हैं जिन्होंने ''जिंदगी की ना टूटे लड़ी'' ''ईक प्यार का नगमा है '' जैसे शानदार गानो को लिखा है. ..
कुछेक पंक्तियाँ जो फिल्मी गाने मे नहीं हैं यकीनन सबसे अच्छी पंक्तियाँ हैं और कविता का जो ह्रास फिल्म मे गीत बनकर होता है उसका बेजोड़ उदाहरण देखने को और सुनने को मिला. .
1.
जो बीत गया वापसऽऽ वो दौड़ ना आएगा
इस दिल मे सिवा तेरे कोई और ना आएगा ।
घर फूँक दिया हमनेऽऽ बस राख उठानी है
जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है ।।
तुम साथ ना दो मेरा ऽऽऽऽ चलना मुझे आता है
हर आग से वाकिफ हूँ जलना मुझे आता है ।
तदबीर के हाथों सेऽऽ तकदीर बनानी है
जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है ।।
2.
देख ली ख्वाब की हर गली ऽऽ मेरे दिल को मिला ना सुकून
तेरे बिन जीवन कैसे जिया ऽऽ तू मिले तो तुझी से कहूँ ।
बेवजह उम्र ढोनी पड़ी ऽऽ प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी ।।