अलादीन का जादुई चिराग अंग्रेजी उपन्यास 'one thousand nights' का हिन्दी रूपांतर है। इसमे अलादीन की कहानी को नए ढंग से प्रस्तुत किया गया है। किताब पढने में दिलचस्प है।
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लक्ष्य से अनजान मैं हूँ,लस्त मन-तन-प्राण मैं हूँ,व्यस्त चलने में मगर हर वक्त मेरे पाँव मेरा भी विचित्र स्वभाव !!
सोचा करता बैठ अकेले,गत जीवन के सुख-दुख झेले,
दंशनकारी सुधियों से मैं उर के छाले सहलाता हूँ
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ!
नहीं खोजने जाता मरहम होकर अपने प्रति अति निर्मम, उर के घावों को आँसू के खारे जल से नहलाता हूँ,
ऐसे मैं मन बहलाता हूँ !!
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